होम मिनिस्ट्री ने Oxfam India नामक संस्था के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की है. दरअसल ऑक्सफैम इंडिया के खातों में कुछ गड़बड़ी पाई गई है और अब इस एंगल पर जांच की जा रही है कि यह संस्था विदेश में पैसा भेजती है और कहीं और से इसकी फंडिंग भी होती है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Oxfam India नाम के NGO के खिलाफ CBI जांच की सिफारिश की है. सूत्रों की मानें तो Oxfam India के FCRA लाइसेंस के रिन्यूवल को MHA ने दिसबंर 2021 में पहले ही रद्द कर दिया था. Oxfam India की FCRA नियमों के गड़बड़ी के आरोप के चलते ये लाइसेंस रद्द हुआ है.
आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम 2010 (FCRA, 2010) के उल्लंघन के कारण ऑक्सफैम इंडिया की जांच के लिए सीबीआई को भेजा है. ऑक्सफैम इंडिया ने FCRA एक्ट 2020 लागू होने के बाद भी पैसों को विदेशी खातों में अलग-अलग संस्थाओं के जरिए ट्रांसफर करना जारी रखा.
क्या कहता है FCRA एक्ट 2020? बता दें कि FCRA 2020 इस तरह के पैसों को ट्रांसफर करने से बैन करता है. इस एक्ट में संशोधन 29 सितंबर, 2020 को लागू हुआ था. लेकिन ऑक्सफैम इंडिया ने इसके बावजूद भी एफसीआरए के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए अन्य फंड ट्रांसफर किया.
IT सर्वेक्षण से हुआ खुलासा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने IT सर्वेक्षण के दौरान पाए गए ईमेल से, यह पता लगया है कि ऑक्सफैम इंडिया अपने लाभ के लिए पैसों को अलग-अलग बैंक अकाउंट में रखने की योजना बना रहा था. सीबीडीटी के आईटी सर्वेक्षण से यह भी खुलासा हुआ है कि ऑक्सफैम इंडिया को विदेशी संगठनों से फंडिंग आ रही थी.
सोशल एक्टिविटीज के नाम पर रजिस्टर्ड है संस्था बताते चलें कि ऑक्सफैम इंडिया सोशल एक्टिविटीज को चलाने के लिए रजिस्टर्ड है. वो अपने सहयोगियों/कर्मचारियों के जरिए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को कमीशन के रूप में फंड भेजती है. यह ऑक्सफैम इंडिया के टीडीएस डेटा से भी दिखाई देता है. जांच में खुलासा हुआ है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऑक्सफैम इंडिया ने सीपीआर को 12,71,188/- रुपये का भुगतान किया. यह धारा 194J के तहत अवैध है.
ऑक्सफैम इंडिया ने लगभग 1.50 करोड़ रुपये की राशि का विदेशी फंडिंग प्राप्त की. यह पैसा संस्था के खाते में डायरेक्ट गया. जबकि इस पैसे को उस बैंक अकांउट के जरिए आना चाहिए FCRA में रजिस्टर्ड है.